💢 राजस्थान :-प्रमुख जनजातियां 💢
-वे जातियां ,जो सभ्यता के प्रभाव से वंचित रह कर अपने प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप जीवन यापन करते हुए अपने जीवन पद्धति, भाषा, संस्कार एवं व्यवसाय को अक्षुण्य बनाए हुए हैं, वे आदिवासी या जनजाति कहलाती है।
2001 की जनगणना के आधार पर राजस्थान राज्य में 70.98 % आबादी जनजाति की निवास करती है ,तो राजस्थान राज्य का 5. 8 % भूभाग क्षेत्र जनजातीय क्षेत्र में आता है।
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- देश में सर्वाधिक जनजातियों की संख्या मध्यप्रदेश में है, तो न्यूनतम जनजातियां हरियाणा में निवास करती है।
- जनजातियों की संख्या की दृष्टिकोण से राजस्थान का देश में छठा (6)स्थान है।
👉कुल जन जनजातीय जनसंख्या में से 5945 पाई जाती है |
प्रतिशत के आधार पर भारत में सर्वाधिक जनजाति मिज़ोरम में (94 .5% ) में है ,
तो न्यूनतम जनजाति पंजाब में निवास करती हैं।
💨 प्रतिशत के आधार पर राजस्थान का देश में 13 वां स्थान है। राज्य में जिले की कुल जनसंख्या के % के आधार पर सर्वाधिक जनजातियां बांसवाड़ा (73 . 4% )में पाई जाती है ,तो न्यूनतम जनजाति नागौर में ( 0.2%) में पाई जाती है।
जनसंख्या की दृष्टि से जनजातियों के सर्वाधिक
बड़े से छोटे जिलों का क्रम
उदयपुर > बांसवाड़ा > डुंगरपुर >जयपुर > चित्तौड़गढ़
💨जनसंख्या की दृष्टि से जनजातियों का न्यूनतम क्रम
बीकानेर > नागौर > हनुमानगढ़ > चूरू>गंगानगर
💨 प्रतिशत की दृष्टि से जनजातियों का सर्वाधिक क्रम :-
बांसवाड़ा >डुंगरपुर >उदयपुर > दौसा> सिरोही
न्यूनतम क्रम -
नागौर >बीकानेर >चूरू > हनुमानगढ़ >गंगानगर
✮राज्य में आठ प्रकार की जनजातियां निवास करती है।
🟍जनसंख्या के आधार पर जनजातियों का क्रम
जनजाति 🟍 स्थान
1.मीणा -जयपुर में 2. भील- उदयपुर में
3.गरासिया -सिरोही में 4. सहरिया बारा (किशनगंज शाहबाद)
5. डामोर -डुंगरपुर में 6. कंजर -कोटा में
7. सांसी- भरतपुर में 8, कथोड़ी -उदयपुर में
👍👋Best of Luck All My Friends .......
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