राजस्थान के प्रमुख लोक देवताओं के वाहन,मन्दिर प्रतीक, तेजाजी के बारे में प्रचलित गीत,मेले कर्म भूमि, तेजाजी को मनाने वाली जनजाति (Rajasthan ke parmuk lok devta ke vahan .mandir partik,mela, tejaji ko mananwe vali parmuk janjati

राजस्थान के प्रमुख लोक देवताओं के वाहन,मन्दिर प्रतीक, तेजाजी के बारे में प्रचलित गीत,मेले कर्म भूमि, तेजाजी को मनाने वाली जनजाति (Rajasthan ke parmuk lok devta ke vahan .mandir partik,mela, tejaji ko mananwe vali parmuk janjati

                                    राजस्थान के प्रमुख लोक देवताओं के वाहन

 1.गोगाजी -घोड़ा

 2.रामदेव जी- घोड़ा (लीला )

3. तेजाजी -घोड़ी (लीलण)

4.पाबूजी -केसर कालवी/कालमी-घोड़ी

 5. मेहा मांगलिया जी - किरड़ कावरा (घोड़ा )

5. देवनारायण जी -( लीलागर ) घोड़ा

5. हड़बूजी -सियार

6. देव बाबा- भैंसा ( पाडा )

                              ** राजस्थान के प्रमुख मन्दिर **

1. बुड्ढा जोहड़- (गंगानगर )-हिंदू -सिख  सद्भावना का प्रतीक 

2. ख्वाजा साहब की दरगाह  (अजमेर) हिंदू- मुसलमान सद्भावना का प्रतीक

3. गोगामेडी  (नोहर- हनुमानगढ़ ) हिंदू -मुसलमान सद्भावना का प्रतीक 

4. श्री महावीरजी  (ऋषभदेव  )हिंदू -जैन सद्भावना का प्रतीक लाता है,

 5. सांप्रदायिकता का प्रतीक रामदेव जी जैसलमेर है 





                    




-तेजाजी के प्रिय भक्त -घोङला ,

-तेजाजी की घोड़ी का नाम लीलण ,

-तेजाजी  के पूजा स्थल  " थान "

- तेजाजी का प्रतीक चिन्ह तलवार धारी  अश्व रोही योद्धा (  जिसकी जीभ को सांप डस रहा है   )

-तेजाजी का गीत तेजा   " टेर  "है |

तेजाजी को अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे  से 10 किलोमीटर दूर  सेंदरिया गांव में सर्प ने डसा ,तो सुरसुरा किशनगढ़ अजमेर में इनकी मृत्यु हुई ||


भांवता  (अजमेर ) में स्थित तेजाजी के मंदिर में सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को गोमूत्र से निशुल्क चिकित्सा दी जाती है  |

तेजाजी अजमेर के सर्वप्रथम स्वरूप प्रमुख इष्ट देवता है ,तो उनकी कर्म स्थली दुगारी गांव बूंदी में है |

तेजाजी के नाम पर  परबतसर (नागौर )में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष दशमी को राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है |

 सहरिया जनजाति के आराध्य देव वीर तेजाजी के नाम पर बारा जिले में सीताबाड़ी (सहरिया जनजाति के कुंभ ) तेजाजी का मेला आयोजित किया जाता है |