राजस्थान के प्रमुख मेले || राजस्थान के मेले ||Rajasthan ke Pramukh Mele ||Major Fairs of Rajasthan

राजस्थान के प्रमुख मेले || राजस्थान के मेले ||Rajasthan ke Pramukh Mele ||Major Fairs of Rajasthan

 राजस्थान के प्रमुख मेले || Rajasthan ke pramukh Mele 

1. पुष्कर का मेला :- यह अजमेर में   कार्तिक पूर्णिमा को भी मेला आयोजित होता है  |पुष्कर में सुप्रसिद्ध ब्रह्मा जी का मंदिर एवं जी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है |

पुष्कर में सांयकाल  यहां दीपदान होता है |



                                                                                पुष्कर तीर्थराज-अजमेर                                                                                                                               
2.केला देवी का मेला- सवाई माधोपुर में केला देवी के मंदिर में चैत्र शुक्ला अष्टमी को विशाल मेला लगता है, जिसे लक्खी मेला भी कहते है | 
यह मेला  चैत्र  कृष्ण द्वादशी से    चैत्र शुक्ला द्वादशी तक भरता है |

3.महावीर जी का मेला -सवाई माधोपुर जिले में स्थित श्री महावीर जी का मंदिर स्थित है ,जहां चैत्र शुक्ला एकादशी से वैशाख कृष्णा द्वितीया तक   मेला लगता है |

✨-यहां 24 वें जैन तीर्थंकर महावीर जी की लाल रंग की भव्य प्रतिमा है | 

4. कोटा दशहरा मेला :-इनका निर्माण कोटा के महाराव दुर्जनशाल सिंह ने के शासनकाल में 1729- 1756 ई.में दशहरा पर्व पर राजसी सवारियां, दरीखाना और पूजा अर्चना के प्रमाण मिलते है | महाराव उमेदसिंह जी के  शासनकाल में 1889 से 1940 में दशहरा पर्व को अत्यधिक आने का सिलसिला शुरु हुआ है |

5. हरियाली अमावस्या का मेला :- उदयपुर में लगने वाला इस मेले की शुरुआत महाराजा फतेह सिंह ने 1899 ई. की थी | हिंदू सभ्यता में लोग सावन की शुरुआत के तौर पर  मानते है |मास की कृष्ण पक्ष में लगने वाले यह मेला सावन और उससे मिलने वाली खुशी का संचार होता है |

6.करणी माता का मेला :- बीकानेर जिले में देशनोक की करणी माता के मंदिर में यह मेला आयोजित होता है

 ✨- करणी माता- बीकानेर शासकों की अधिष्ठात्री देवी  है |

✨एक मंदिर की विशेषता ही है यहाँ काले और सफेद चूहे अत्यधिक संख्या में विचरण करते हैं |


                             करणी माता-देशनोक बीकानेर


                                                                    

                                                                            करणी माता के चुहे को  "काबा " कहते है |


7. खाटू श्याम जी का मेला :-सीकर जिले का खाटू श्याम जी का मेला प्रसिद्ध स्थल है|

✨- यहां फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की दशमी से द्वादशी तक मेला आयोजित होता है |

8.बाबा रामदेव का मेला :- जैसलमेर जिले में पोकरण कस्बे के पास रुणिचा नामक स्थान पर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से एकादशी ताकि मेला आयोजित होता है बाबा रामदेव राजस्थान के जाने-माने लोक देवता है सभी वर्गो व धर्मो के लोगों की आस्था है |

9.गलियाकोट का उर्स :-डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा तहसील के गलियाकोट कस्बे में फखरुद्दीन मौला की मजार है जिसे मजार-ए-फखरी के नाम से जाना जाता है |

✨यह दाऊदी बोहरा समाज की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है |

✨यहां पर सभी वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उत्साह से भाग लेते हैं |

10. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स  :-ख्वाजा मोइनुद्दीन ईरान से भारत है |

✨इनको गरीब नवाज के नाम से जाना जाता है |

✨अजमेर में इनकी दरगाह पूरे देश के लोगों की आस्था का केंद्र है  |

✨इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 1 से 6 तारीख तक अजमेर में ख्वाजा साहब का उर्स मनाया जाता है |

✨यह मेला सर्वधर्म समभाव की अनूठी मिसाल माना जाता है |


 राजस्थान के प्रमुख मेले-

 जीण माता का मेला - सीकर जिले में 

भर्तहरी मेला -अलवर में

 डिग्गी कल्याण जी का मेला -जयपुर में 

तेजाजी का मेला -(परबतसर) नागौर में 

गोगाजी का मेला -बाड़मेर में प्रसिद्ध है |