होली क्यों मनाई जाती है | Holi Kyu manaya Jata Hai
फाल्गुन मास की पूर्णिमा (होली पूर्णिमा ) मार्च के महीने में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है | होली जिसे रंगों का त्योहार (Holi is called the festival of colors ) कहा जाता है | होली की कहानी होलिका (Holika ) से जुड़ी है | इनके लिए नीचे पढ़े :-
होली भी भारत में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है |
राजा हिरण्यकश्यप की एक पौराणिक कथा Raja Hiranyakashipu Ki pauranik katha
हिरण्यकश्यप प्राचीन राजा में एक राजा राक्षस / दानव की तरह था | वह अपने छोटे भाई की मृत्यु का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मार दिया था ,इसीलिए सत्ता पाने के लिए राजा ने वर्षों तक प्रार्थना की उन्होंने को वरदान दिया गया ,लेकिन साथ ही खुद अपने लोगों से स्वयं को भगवान की तरह पूजने को कहा |
दानव राजा के पास प्रहलाद नाम का एक छोटा बेटा था ,जो भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था | प्रह्लाद ने कभी अपने पिता के आदेश का पालन नहीं किया और भगवान विष्णु की पूजा करता रहा | राजा इतना कठोर हो गया ,कि वह अपने बेटे को मारने का फैसला ले लिया क्योंकि उनकी पूजा करने से इंकार कर दिया गया |
होलिका की कहानी Story of Holika
हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से पूछा जो आग से प्रतिरक्षी थी ,उनकी गोद में प्रहलाद को लेकर अग्नि की चिता पर बैठे | उसकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी, लेकिन उनकी योजना के रूप में प्रहलाद को जलाने की नही चली , जो भगवान विष्णु के नाम से पाठ करते थे वह सुरक्षित था,लेकिन होलिका जलकर राख हो गई | प्रहलाद बच गया |
इसके बाद भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप को मार दिया |
प्राचीन काल में होली के लिए रंगों का प्रयोग
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