जीवाणु के द्वारा होने वाला रोग Baceterial Disease

जीवाणु के द्वारा होने वाला रोग Baceterial Disease

                       जीवाणु के द्वारा होने वाला रोग Baceterial Disease 




1. टिटनेस    :- प्रभावित अंग -तंत्रिका तंत्र           💨जीवाणु का नाम  :- क्लॉस्ट्रीडियम  टेटनी 

 💨 लक्षण :- तेज बुखार ,शरीर में ऐठन ,जबड़ा बंद होना

 

2.हैजा  :-          प्रभावित अंग     :- आंत            💨जीवाणु का नाम  :-   विब्रियो कोलेरी 

 💨 लक्षण    :- लगातार दस्त और उल्टीयां   

3.टाइफाइड  :-  प्रभावित अंग -    आंत          💨जीवाणु का नाम  :-   सालमोनेला टायफी 

💨 लक्षण    :-    तेज बुखार, सिर दर्द 


4.क्षय रोग (TB)  :- प्रभावित अंग - फेफड़ा   💨जीवाणु का नाम  :-     माइकोबैक्टेरियम   ट्यूबरकुलोसिस                                                

💨 लक्षण    :-  बार-बार सांस के साथ कफ निकलना ,रक्त निकलना 

5.डिप्थीरिया  :-प्रभावित अंग - श्वास नली    💨जीवाणु का नाम  :- कोरीनी बैक्टीरियम डिप्थीरिया

 💨 लक्षण   :-सांस लेने में कठिनाई एवं दम घुटन

6. प्लेग    :-प्रभावित अंग  :- फेफड़ा  ,कारव दोनों पैरों के बीच  💨जीवाणु का नाम  :-पाश्चुरेला पेस्टिस

 💨 लक्षण   :-   बहुत तेज बुखार ,शरीर पर गिल्लटिया |

7. काली खांसी  :  प्रभावित अंग- स्वसन तंत्र         💨जीवाणु का नाम :-हिमोफिलस परट्यूसिस                        💨 लक्षण   :-    लगातार खांसी आना 

8.निमोनिया  :-  प्रभावित अंग - फेफड़ा     💨जीवाणु का नाम :- डिप्लोकोक्कस न्यूमोनी                                       💨 लक्षण   :-      तेज बुखार फेफड़ों में सूजन

9. कोढ़    :-   प्रभावित अंग-तंत्रिका तंत्र  - त्वचा   💨जीवाणु का नाम :-माइकोबैक्टीरियम लेप्री 

 💨 लक्षण   :-  शरीर पर चकत्ते ,तंत्रिका प्रभावित 

10.गोनोरिया :-  प्रभावित अंग-मूत्र मार्ग        💨जीवाणु का नाम :   -      नाइसेरिया गोनोरिया 

💨 लक्षण   :-   मूत्र मार्ग में सूजन

 11.सिफलिस  :-प्रभावित अंग  -शिशन    💨जीवाणु का नाम :   - टेपोनेमा पैलीडम

💨 लक्षण   :- शिशन  पर घाव


💬💬💭 ये भी जानिए :-

मैकुल्लाच  ने 1827ई.  में सर्वप्रथम मलेरिया शब्द का प्रयोग किया ,मलेरिया रोग की पुष्टि रक्त की बूंद तथा पीएफ मामलों के लिए आरडी किड्स सूक्ष्मदर्शी द्वारा की जाती है |

 लेवरन(1800ई.) में मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति के रुधिर से मलेरिया परजीवी प्लाज्मोडियम की खोज की | रोनाल्ड रास ने प्रयोग द्वारा मलेरिया होने की पुष्टि की तथा बताया कि इस मच्छर इसका वाहक है ,मलेरिया रोग में लाल रुधिराणु नष्ट हो जाते हैं तथा रक्त में   कमी  आ जाती है |

मलेरिया के उपचार में कुनैन  , पेलुड्रींन ,क्लोरोक्वीन  ,प्रीमाक्वीन  औषधी लेनी चाहिए |

 1882में जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने कॉलरा एवं टीबी के जीवाणु की खोज की ,लुइस पाश्चर ने रेबीज़ और दूध का पाश्चुरीकरण की खोज की |

बच्चों को  डीपीटी टीका डिप्थीरिया ,काली खांसी ,टिटनेस रोग प्रतिरोधक इम्यूनाइजेशन के लिए दिया जाता है